प्री-पेड से अनधिकृत कटौती अमानत में खयानत है। » तीसरा खंबा
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chi
Thursday, December 12, 2013
Friday, December 6, 2013
ensaan ko samjhe
अगर कोई इन्सान बहुत हंसता है , तो अंदर से वो बहुत अकेला है ..
-> अगर कोई इन्सान बहुत सोता है , तो अंदर से वो बहुत उदास है ..
-> अगर कोई इन्सान खुद को बहुत मजबूत दिखाता है और रोता नही , तो वो -अंदर से बहुत कमजोर है ..
-> अगर कोई जरा जरा सी बात पर रो देता है तो वो बहुत मासूम और नाजुक दिल का है ..
-> अगर कोई हर बात पर नाराज़ हो जाता है तो वो अंदर से बहुत अकेला और जिन्दगी में प्यार की कमी महसूस करता है ..
लोगों को समझने की कोशिश कीजिये ,जिन्दगी किसी का इंतज़ार नही करती , लोगों को एहसास कराइए की वो आप के लिए कितने खास हैं. अगर होते सभी अपने तो बेगाने कहाँ जाते.... ना मिलता ग़म तो बर्बादी के अफसाने कहाँ जाते...
-> अगर कोई इन्सान बहुत सोता है , तो अंदर से वो बहुत उदास है ..
-> अगर कोई इन्सान खुद को बहुत मजबूत दिखाता है और रोता नही , तो वो -अंदर से बहुत कमजोर है ..
-> अगर कोई जरा जरा सी बात पर रो देता है तो वो बहुत मासूम और नाजुक दिल का है ..
-> अगर कोई हर बात पर नाराज़ हो जाता है तो वो अंदर से बहुत अकेला और जिन्दगी में प्यार की कमी महसूस करता है ..
लोगों को समझने की कोशिश कीजिये ,जिन्दगी किसी का इंतज़ार नही करती , लोगों को एहसास कराइए की वो आप के लिए कितने खास हैं. अगर होते सभी अपने तो बेगाने कहाँ जाते.... ना मिलता ग़म तो बर्बादी के अफसाने कहाँ जाते...
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